कहीं आप भी गलत तरीके से हैंड सैनिटाइजर का यूज तो नहीं कर रहे, जानें प्रभावी रूप से कैसे करें प्रयोग

कहीं आप भी गलत तरीके से हैंड सैनिटाइजर का यूज तो नहीं कर रहे, जानें प्रभावी रूप से कैसे करें प्रयोग

सेहतराग टीम

भारत में कोरोना के मामलों में बढ़ती संख्या थम नहीं रही है। इस वायरस से बचने के लिए फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही हाथों की सफाई रखना ही एक मात्र तरीका है। कोरोना वायरस से बचने के लिए बीते कुछ वक्त में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी काफी बढ़ गया है। इस बीच सेंट्रल फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (The Centers for Disease Control and Prevention) द्वारा हैंड सैनिटाइजर के प्रयोग को लेकर कुछ जरूरी बातें बताई गयी हैं कि आखिर कैसे और कब हैंड सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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हैंड सैनिटाइजर्स का प्रभावी रूप से कब और कैसे करें प्रयोग (When and How to Use Hand Sanitizers Effectively in Hindi):

सैनिटाइजर से ज्यादा प्रभावी है साबुन और पानी:

CDC ने कहा है कि जहां तक संभव हो साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए क्योंकि हाथ धोने से हाथों में लगे किसी भी तरह के कैमिकल और सभी तरह के कीटाणुओं में कमी आती है।

साबुन और पानी क्रिप्टोसपोरिडियम, नोरोवायरस और क्लोरस्ट्रीडियम डिफिसाइल जैसे कीटाणुओं को साफ करने में हैंड सैनिटाइजर की तुलना में अधिक प्रभावी होता है।

सही सैनिटाइजर का इस्तेमाल:

अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है तो ऐसे हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल की मात्रा हो, जो कि आपको खुद को बीमार होने से रोकने और दूसरों में कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कारगर होता है।

जिस सैनिटाइजर में अल्कोहल कॉन्सेन्ट्रेशन यानी अल्कोहल की मात्रा  60-95 फीसदी होती है वह कीटाणुओं को मारने में ज्यादा प्रभावी होता हैं।

अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर कुछ परिस्थितियों में रोगाणुओं की संख्या को जल्दी से कम कर सकते हैं, लेकिन सैनिटाइज़र सभी प्रकार के कीटाणुओं को खत्म नहीं करते हैं।

बिना 60-95 प्रतिशत अल्कोहल कॉन्सेन्ट्रेशन वाले सैनिटाइजर: 1- कई प्रकार के कीटाणुओं के लिए समान रूप से अच्छी तरह से काम नहीं कर सकता है। 2- कीटाणुओं को ख़त्म करने की बजाय उन्हें बढ़ने से रोक सकता है।

सैनिटाइजर का कैसे करें इस्तेमाल:

जब भी हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें तो उसे पहले एक हाथ की हथेली पर लें और फिर दोनों हाथों से रगड़कर उसे पूरे हाथ में फैलाएं जब तक कि हाथ सूखे महसूस न होने लगें।

सैनिटाइजर का पर्याप्त मात्रा में इस्तेमाल करने के साथ ही तब तक हाथ रगड़ना चाहिए जब तक कि सैनिटाइजर का गीलापन खत्म न हो जाए।

CDC के मुताबिक सैनिटाइजर्स को कीटाणु और बैक्टिरिया को मारने में 30 सेकंड का वक्त लगता है।

जब हाथ गंदे और ग्रीसी दिखाई दें:

हैंड सैनिटाइजर क्लीनिकल सैटिंग्स जैसे हॉस्पिटल में बेहतर तरीके से काम करता है, जहां हाथ कीटाणुओं के संपर्क में तो आते हैं लेकिन सामान्य तौर पर ज्यादा मिट्टी से भरे या ग्रीसी नहीं होते हैं।

कुछ डेटा दिखाते हैं कि हैंड सैनिटाइजर्स कुछ प्रकार के कीटाणुओ के लिए तो अच्छा काम करते हैं। लेकिन अगर हाथ ज्यादा मटमैले और ग्रीसी हैं तो हैंड सैनेटाइजर्स प्रभावी ढंग से असर नहीं दिखा पाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में साबुन और पानी से हाथ धोना ही बेहतर रहता है।

सैनिटाइजर्स से हो सकता है नुकसान:

इथाइल अल्कोहल से तैयार होने वाले सैनिटाइजर सुरक्षित होते हैं जब उसे बताए गए तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये अल्कोहल पॉइजनिंग कर सकते हैं अगर कोई व्यक्ति इसे निगल ले।

 

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